Author(s): आर के. पाण्डेय, व्ही.सेनगुप्ता

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Address: प्रो. आर के. पाण्डेय1ए डाॅ. (श्रीमती) व्ही.सेनगुप्ता2
1सहा. प्रध्यापक (इतिहास)ए शा.टी.सी.एल.स्नातकोत्तर महा.ए जाँजगीर (छ.ग.)
2सहा. प्रध्यापक (समाजशास्त्र)ए सी.एल.स्नातकोत्तर महा.ए जाँजगीर (छ.ग.)
*Corresponding Author:

Published In:   Volume - 4,      Issue - 2,     Year - 2013


ABSTRACT:
बनवासी जीवन में श्री राम ने समाज के उच्च और निम्न वर्गो से केवल घनिष्ठ संबंध ही स्थापित नहीं किया, वरन देश में ब्याप्त सामाजिक रूढ़ियों और मान्यताओं के विपरीत उत्साह और साहस युक्त नये परिवर्तन लाने की भी सफल चेष्टा की। अपने प्रति सच्चा अनुराग रखने वाली बूढ़ी भीलनी शबरी के आश्रम में जाकर उसके जूठे बेर खाना तथा अपनी विचारधारा से अवगत कराना राम का उपेक्षित वर्ग के प्रति ठोस स्नेह था। और पुरानी रूढ़ियों पर करारी चोट थीं।


Cite this article:
आर के. पाण्डेय, व्ही.सेनगुप्ता. जनजातिय महिलाओं की सामाजिक स्थिति में परिवर्तन एवं नषा प्रवृति का अध्ययन. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(2): April-June, 2013, 145-147.

Cite(Electronic):
आर के. पाण्डेय, व्ही.सेनगुप्ता. जनजातिय महिलाओं की सामाजिक स्थिति में परिवर्तन एवं नषा प्रवृति का अध्ययन. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(2): April-June, 2013, 145-147.   Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2013-4-2-5


संदर्भ-सूची
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RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


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