Author(s): लक्ष्मी कुमारी

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DOI: Not Available

Address: लक्ष्मी कुमारी
शोध छात्रा एंव यू.जी.सी. नेट, इतिहास विभाग, बी. आर. ए. बी. विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार.
*Corresponding Author:

Published In:   Volume - 5,      Issue - 3,     Year - 2014


ABSTRACT:
आधुनिक बिहार के निर्माता बाबू ब्रजकिशोर प्रसाद, दृढ़ निश्चय वाले और वचन के पक्के युग पुरूष थे। उन्होने न सिर्फ बिहार के लिये, अपितु संपूर्ण भारत के लिये एक ईमानदार और सच्चे कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया। इन्होने देश की आजादी के संघर्ष के दौरान एवं उसके पूर्व से ही, राजनैतिक क्षेत्र के साथ.साथ सामाजिक बदलाव के लिये भी एक अच्छे समाज-सुधारक के तौर पर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका स्पष्ट रूप से यह मानना था कि आधी आबादी अर्थात् स्त्रियों के सामाजिक, बौद्धिक और आर्थिक उत्थान के बिना पूरे समाज का दीर्घकालिक उत्थान असंभव है।


Cite this article:
लक्ष्मी कुमारी. स्त्री रूढ़िवादिता के खिलाफ बाबू ब्रजकिशोर प्रसाद की पहल. Research J. Humanities and Social Sciences. 5(3): July-September, 2014, 343-346

Cite(Electronic):
लक्ष्मी कुमारी. स्त्री रूढ़िवादिता के खिलाफ बाबू ब्रजकिशोर प्रसाद की पहल. Research J. Humanities and Social Sciences. 5(3): July-September, 2014, 343-346   Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2014-5-3-16


संदर्भ -
1.            सुरेन्द्र गोपाल, “श्री ब्रजकिशोर प्रसाद द फस्ट एसोसिएट आॅफ गांधी जी इन बिहार”, पृ.- 125-130, बिहार विद्यापीठ पटना, 2012।
2.            शिवपूजन सहाय, “बिहार की महिलायें”, संपूर्ण, पटना, 1962।
3.            अवधेश के. नारायण, ”श्री ब्रजकिशोर प्रसाद“, पृ.-28, श्री ब्रजकिशोर स्मारक प्रतिषठान पटना, 2007।
4.            प्रभास्मृति, पृ.- 236-238, महिला चर्खा समिति पटना, 2006।
5.            पी.एन.ओझा, ”हिस्ट्री आॅफ द इंडियन नेशनल काॅंग्रेस इन बिहार 1885-1985“, पृ.- 295-296, पटना, 1985 ।
6.            के.सी.वसुदेवन, “द बलेजिंग ट्रेल आॅफ स्वामी विवेकानन्द”, पृ.- 67, द   क्वाट्रली जनरल आॅफ द मिथिक सोसाइटी, भोल्यूम-100, न.-1, जनवरी-मार्च 2009 ।
7.            राजेन्द्र प्रसाद, ”आत्मकथा“, पृ.-81-85, सस्ता साहित्य मंडल, नई दिल्ली, 2011 ।
8.            संत कुमार वर्मा, ”बाबू ब्रजकिशोर प्रसाद“, पृ.-21, पटना, 1962 ।

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RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


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