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निस्तार कुजूर, बी एल सोनेकर
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निस्तार कुजूर1’एवं बी एल सोनेकर2
1सहा. प्राध्यापक (समाजशास्त्र)ए समाजशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ ग
2सहा. प्राध्यापक (अर्थशास्त्र)ए अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग
Published In:
Volume - 1,
Issue - 2,
Year - 2010
ABSTRACT:
जनजातियों में साक्षरता के विकास के लिए राज्य सरकार को अनेक योजनाओं को संचालित करने की आवश्यकता है। इसका कारण यह है कि जनजाति एक ऐसा मानव समूह है, जो न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी पिछड़े हुए हैं। इसका अनेक कारण है, उनमें से प्रमुख कारण इन जनजातियों में शिक्षा का कम विकास होना है और यदि हम इनके पिछड़ेपन को दूर करना चाहते हैं या इनके जीवन में खुशहाली लाना चाहते हैं, तो सरकार को पूरी ईमानदारी के साथ शिक्षा से संबंधित योजनाओं को संचालित करना होगा, जिससे कि जनजाति विकास की मुख्यधारा से जुड़ सके।
Cite this article:
निस्तार कुजूर, बी एल सोनेकर. जनजाति विकास में साक्षरता की भूमिका (छग राज्य क¢ संदर्भ में. Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(2): July-September 2010, 54-55.
Cite(Electronic):
निस्तार कुजूर, बी एल सोनेकर. जनजाति विकास में साक्षरता की भूमिका (छग राज्य क¢ संदर्भ में. Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(2): July-September 2010, 54-55. Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2010-1-2-2
संदर्भर
1 भारत की जनगणना 2001
2 जनजाति प्रशासकीय प्रतिवेदन -2009-10
3 छत्तीसगढ़ विकास 2008