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बंसो नुरूटी
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बंसो नुरूटी
सहायक प्राध्यापक, इतिहास अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 4,
Issue - 2,
Year - 2013
ABSTRACT:
मानव समाज के समुचित एवं सर्वांगीण विकास में महिलाओं का योगदान किसी भी दृष्टि से कम नहीं रहा है। घर-परिवार, समाज और राष्ट्र की समग्र-चेतना एवं स्वरूप को प्रभावित करने वाली महिला का आभास समाज में उसके स्थान समाज-राष्ट्र निर्माण के कार्य में उसकी सक्रिय सहभागिता पर निर्भर करता रहा है।1 भारत के स्वाधीनता आंदोलन में महिलाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस संदर्भ में भारतीय राष्ट्र की स्मृति में कई चित्र्र एक साथ उभरते हैं कई अर्थों में भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार और आजादी की लड़ाई में महिलाओं के योगदान के बीच परस्पर पूरकता का संबंध था एनी बिसेण्ट व सरोजिनी नायडू ने कांगे्रस की अध्यक्षता का दायित्व संभाल कर सर्वोच्च नेतृत्व के स्तर को दिशा दी। इसी प्रकार प्रीतिलता वाडेदार और कल्पना दत्त ने क्रांतिकारी आंदोलन में अपना सर्वोच्च बलिदान दिये थे। रमा बाई रानाडे ने महिलाओं की समाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए शिक्षा शक्ति का विस्तार करके चुनौती दी तो, कमला देवी चट्टोपाध्याय व सुचेता कृपलानी ने गांवों में घूम-घूमकर किसानों व ग्रामीण महिलाओं की राजनीतिक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रेरणा दिये।2 लक्ष्मीबाई से लेकर कस्तूरबा तक आदर्श स्थापित करने में पीछे नहीं रही है, उनका चरित्र प्रेरणादायी रहा है। दूसरी तरफ महिलाओं को राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक उपेक्षा के दायरे से मुक्ति प्रदान करना भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों में अंतर्निहित था। महात्मा गाँधी जी ने भारत के स्वाधीनता आंदोलन में कूदने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया था साथ ही साथ नेतृत्व करने का भी पूरा अवसर दिया। स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास में सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी, सुशीला नैय्यर, विजय लक्ष्मी पण्डित, अरूणा असाफ अली, राजकुमारी अमृत कौर, कमला नेहरू, इंदिरा गांधी तथा कई अन्य महिला नेताओं ने कांग्रेस को सशक्त बनाने में योगदान दिया। महिलाओं ने महात्मा गांधी की प्रेरणा से सामाजिक उत्थान तथा अन्य रचनात्मक कार्यों को अपनाया। यही नहीं गांधी जी ने कुछ विदेशी महिलाओं को भी अपने व्यवहार व स्नेह से इतना प्रभावित किया कि वे अपना देश छोड़कर न केवल भारत में बस गई बल्कि भारतीय नाम और जीवन पद्धति भी अपनाई और रचनात्मक कार्यों में सक्रिय सहयोग दिया। जैसे कि सरला बेन तथा मीरा बेन का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।3
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बंसो नुरूटी. महात्मा गांधी के नेतृत्व में संचालित असहयोग आंदोलन में महिलाओं की भूमिका. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(2): April-June, 2013, 161-163.
Cite(Electronic):
बंसो नुरूटी. महात्मा गांधी के नेतृत्व में संचालित असहयोग आंदोलन में महिलाओं की भूमिका. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(2): April-June, 2013, 161-163. Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2013-4-2-8
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