Author(s):
जवाहर लाल तिवारी
Email(s):
Email ID Not Available
DOI:
Not Available
Address:
जवाहर लाल तिवारी
वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक, समाजशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग) -492010.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 6,
Issue - 2,
Year - 2015
ABSTRACT:
परम्परागत रूप से ग्रामीण महिलायें बेरोजगारी की सामना करती रही है। लम्बे समय तक उसका कार्य घर के इर्द-गीर्द ही रहा है जैसे- बच्चो का देख-भाल, रसोई का कार्य, घर का कार्य, कृषि में पति का सहयोग करना इत्यादि। चूंकि परिवार चलाने के लिए महिला का इस कार्य का होना भी आवश्यक है, किन्तु इन कार्याे से महिलायें पुरूषों को कार्य करने में एक तरह का केवल सहयोग ही किया है इससे इनको कभी आय प्राप्त नहीं हुआ बल्कि वह पति पर निर्भर हो कर रह गयी और चाहकर भी अपनी इच्छा के अनुरूप आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पायी है। ग्रामीण महिलाओं की यह स्थिति भारत में आज भी व्याप्त ळें
Cite this article:
जवाहर लाल तिवारी. ग्रामीण महिलाओं के बेरोजगारी उन्मूलन में मनरेगा योजना की भूमिका (छत्तीसगढ राज्य के झिरिया ग्राम पंचायत के सेदर्भ में). Research J. Humanities and Social Sciences. 6(2): April-June, 2015, 97-100
Cite(Electronic):
जवाहर लाल तिवारी. ग्रामीण महिलाओं के बेरोजगारी उन्मूलन में मनरेगा योजना की भूमिका (छत्तीसगढ राज्य के झिरिया ग्राम पंचायत के सेदर्भ में). Research J. Humanities and Social Sciences. 6(2): April-June, 2015, 97-100 Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2015-6-2-17
संदर्भ
1. जी.आर.मदन, परिवर्तन एवं विकास का समाजशास्त्र, विवेक प्रकाशन, जवाहर नगर, दिल्ली, 2010.
2. सचदेव डी.आर., भारत में समाज कल्याण प्रशासन, किताब महल इल्हाबाद, 2003.
3. शर्मा, मनीष कुमार, महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता, सिविल सर्विस स्पेशल, रिसर्च ड््राइजेष्ट, वेल्यूम ईशूज, जुलाई 2007.
4. लवानियां वासुदेव, राष्टृ्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम, कुरूक्षेत्र, वर्ष 52,अंकः7, मई 2006.