Author(s): उमा गोले

Email(s): Email ID Not Available

DOI: Not Available

Address: उमा गोले
एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल अध्ययन शाला, पं. रविश्ंाकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ.
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 6,      Issue - 3,     Year - 2015


ABSTRACT:
जशपुर जिला (22°17श्-23°15श् उ.अक्षांश एवं 83°24श्- 84°09श् पू.देशान्तर)छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 6,088 वर्ग किलोमीटर एवं कुल जनसंख्या 8.5 लाख (जनगणना 2011) है। जिले का अधिकांश भाग पहाड़ी एवं पठारी है। धरातल सामान्यतः सीढ़ीनुमा है। उत्तरी भाग ‘ऊपर घाट‘ की औसत ऊंचाई समुद्र सतह से लगभग 1,000 मीटर है। कुछ पर्वतीय चोटियां 1,100-1,136 मीटर ऊंची हैं। दक्षिणी भाग ‘निचला घाट‘ है जिसकी औसत ऊंचाई 600 मीटर है। भूगर्भिक संरचना की दृष्टि से जिले में आद्यकल्प के अभिनव परत के शैल समूह पाये जाते हैं, जिनमें आर्केयन, प्लीस्टोसीन, धारवाड़ एवं दक्कनट्रैप प्रमुख है। धरातल का ढ़ाल सामान्यतः दक्षिण की ओर है। ईब एवं कन्हार प्रमुख नदियां है जो महानदी में प्रवाहित होती है। प्रस्तुत शोधपत्र द्वितीयक आंकड़ों पर आधारित है। अध्ययन क्षेत्र मुख्यतः जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। जिले में 2011 की जनगणनाके अनुसार जनजाति का प्रतिशत 62.3 है। जिले की मुख्य फसल धान है। जनजाति अपने पारम्परिक संस्कृति एवं सभ्यता के परिवेश में रहकर पारम्परिक कृषि उत्पादन द्वारा अपना जीवन निर्वहन करते हैं। सिंचित क्षेत्र की कमी, कृषि की उन्नत तकनीकी की अज्ञानता, कमजोर आर्थिक स्तर एवं कृषि नवप्रवर्तन के उपकरणों के कम उपयोग के कारण जनजाति कृषक परिवारों की उपज दर अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम है। अतः इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखकर ‘जशपुर जिले में कृषि का स्थानिक वितरण प्रतिरूप‘अध्ययन करने का प्रयास किया गया है।


Cite this article:
उमा गोले. जशपुर जिले में कृषि का स्थानिक वितरण प्रतिरूप. Research J. Humanities and Social Sciences. 6(3):July- September, 2015, 178-184.

Cite(Electronic):
उमा गोले. जशपुर जिले में कृषि का स्थानिक वितरण प्रतिरूप. Research J. Humanities and Social Sciences. 6(3):July- September, 2015, 178-184.   Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2015-6-3-3


संदर्भ सूची
Baruah, Utpal, 1979, “Role of High Yielding Varieties in Agricultural  Development in Punjab and Haryana”, Dynamics of Agricultural Development in India, ed. Ali Mohammad, Concept  Publishing Company, New Delhi, pp 17-38.
Gole, Uma ,2008, Regional Disparities in Level of Agricultural Development in Chhattisgarh, The  Goa Geographer Vol. V, No. 1 ,pp. 69-72.
Gole, Uma and S.K. Mustak,2009,“Impact of Irrigational Facilities On Agricultural pattern in Seonath Basin” Uttar Bharat Bhoogol Patrika, Vol. 41, No. 1, pp 127-130.
Husain, M.,1972,Crop Combination Regions of Uttar Pradesh, A Study in Methodology, Geographical Review of India, Vol.34, pp 134-156.
Kothari, Sadhana,1999, Agricultural Landuse and Population- A  Geographical Analysis, Shiva  Publishers Distributers, Udaipur, pp 39-92.
Mohammad, Noor and Abdul Majeed,1979, “Socio-Economic Factors and Diffusion of  Agricultural  Innovations”, Dynamics of Agricultural Development in India, ed. Ali  Mohammad, Concept Publishing Company, Delhi, pp 151-175.
Patil, Jayant, 2001, “Agriculture and Horticulture Programmes for Develpoment of Schedule  Tribes in India”, Vanyajati, Vol.2, pp 15-17.
Pradhan, A, Guha A.,1997, Agro Biodiversity and Drought Resistant Agriculture Practices among the Tribal People of Jashpur in Mayurbhanj District of Orissa, Indian Journal of Geo. and Env.  Vol.2, PP. 59-61.
Rafiullah, S.M., 1963, “A New Approach to functional Classification of Towns” Genetical Agravea Vol.17 Pp 104-127.
Sharma, S.K. 1998, “Reflection of Social Enequality on Adoption of Development Measures: an example of Agricultural Innovations”, pp. 165-177 in Y.G. Joshi and D.K. Verma, eds, Social Environment for sustainable Development. Jaipur: Rawat Publications.
Stamp, L. Dudley,1934, “Land Utilization Survey of Britain”, Geographical Review, Vol. 24, No. 4, pp 646-650
Tyagi, B.S. ,1972, Agricultural Intensity in Chunar Tahsil, District Mirzapur, U.P.,Nat.Geog.Jour. of India, Vol. 18 (1).

Recomonded Articles:

Research Journal of Humanities and Social Sciences (RJHSS) is an international, peer-reviewed journal, correspondence in the fields of arts, commerce and social sciences....... Read more >>>

RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


Recent Articles




Tags