Author(s): अर्चना सेठी

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DOI: Not Available

Address: अर्चना सेठी
शा. नवीन कन्या महाविद्यालय, जांजगीर छत्तीसगढ़
Corresponding Author:

Published In:   Volume - 1,      Issue - 1,     Year - 2010


ABSTRACT:
कोसा उद्योग कृषि मूल का वन पर आधारित उद्योग है जो अधिकाशंतः हाथकरघा द्वारा संचालित होता है। कोसा उद्योग भारतीय ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंश है। कितना भी औद्योगिकीकरण क्यों न हों उससे हिंदुस्तान में बड़े पैमाने पर इस घरेलू उद्योग के विकास की संभावना व आवश्यकता को दूर नहीं किया जा सकता है। कम पूंजी निवेश, उत्पादन की सरल तकनीक, अधिक रोजगार, आर्थिक विकेन्द्रीकरण, गांवों की शहरों पर निर्भरता में कमी, कृषि कार्यों में लगे लोगों की बेरोजगारी का अंत, बेकार महिलाओं को काम, शहरों की ओर ग्रामों से पलायन पर स्वाभाविक प्रतिबंध, स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप उत्पादन, उपभोक्ता शोषण की कमी, श्रम सम्मान नियमित रोजगार, आय का समान वितरण, महाजन के शोषण से मुक्ति आदि समस्त विशेषतायें कोसा उद्योग जैसे कुटीर उद्योग में समाहित है।


Cite this article:
अर्चना सेठी. छत्तीसगढ़ के चांपा जिले में कुटीर उद्योग एवं उनमें कार्यरत् श्रमिकों की आय एवं रोजगार का विश्लेषण (कोसा उद्योग के विशेष संदर्भ में). Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(1): Jan.-March 2010, 24-29

Cite(Electronic):
अर्चना सेठी. छत्तीसगढ़ के चांपा जिले में कुटीर उद्योग एवं उनमें कार्यरत् श्रमिकों की आय एवं रोजगार का विश्लेषण (कोसा उद्योग के विशेष संदर्भ में). Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(1): Jan.-March 2010, 24-29   Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2010-1-1-6


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RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


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