ABSTRACT:
4 नवम्बर 2011 को केन्द्रीय केबिनेट फुटकर व्यापार क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति प्रदान कर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्र का निर्माण किया । प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल संयुक्त ब्रांड रिटेल पर 51 प्रतिशत तथा एकल ब्रांड रिटेल व्यापार पर शत प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की स्वीकृति प्रदान करने का अनुमोदन किया। भारतीय अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से 15 जुलाई 1991 में उदारीकरण की नीति अपनाएं जाने के पश्चात आर्थिक नीतियों की दृष्टि में यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण निर्णय था। फुटकर व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का मुद्दा सदैव विवादों में घिरा रहा है । फुटकर व्यापार क्षेत्र देश का एक बडा रोजगार क्षेत्र है । तथा इस क्षेत्र मंे विदेशी कम्पनियों के आने से देशी कम्पनियों तथा छोटे दुकानदारों को अत्यधिक हानि की आशंका व्यक्त की जा रही थी । प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा कराए गए सर्वे ने इन आशंकाओं को सही साबित कर दिया । सर्वे के मुताबित ब्रांडेड कम्पनियों के शो रूम खुलने से छोटे दुकानदारों की बिक्री तथा लाभ में गिरावट आई । सरकार द्वारा खुदरा क्षेत्र में रिटेल कम्पनियों को अनुमति देने से इस क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों तथा छोटे व्यापारियों पर अत्यधिक असर पडेगा किन्तु संगठित रिटेल कम्पनियों के कारण उपभोक्ताओं को कम मूल्य पर गुणवत्ता उत्पाद मिलेंगे ।
Cite this article:
आशीष दुबे, राजेश कुमार अग्रवाल. फुटकर व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रभाव. Research J. Humanities and Social Sciences. 3(2): April-June, 2012, 179-180.
Cite(Electronic):
आशीष दुबे, राजेश कुमार अग्रवाल. फुटकर व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रभाव. Research J. Humanities and Social Sciences. 3(2): April-June, 2012, 179-180. Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2012-3-2-5