ABSTRACT:
दुनिया में तेजी से हो रहे सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलाव का मनुष्य के जीवन और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है, समय तेजी से आगे और आगे बढ़ता चला जा रहा है सब कुछ पीछे ढ़केलता हुआ। आम नागरिक समय के साथ चलने की कोशिश में बहुत कुछ खोते जा रहा है।1 इनमें से स्वास्थ्य भी एक प्रमुख अंग है। यह जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है मानव का सर्वांगीण विकास उन्नति का आधार स्वास्थ्य ही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी यही परिभाषा निर्धारित किया है कि स्वास्थ्य से आशय केवल बीमारी एवं दुर्बलता का अभाव नहीं, वरन उस अवस्था से है, जब मनुष्य शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक हो।2 महर्षि चरक के शब्दो में, धर्मअर्थ, काम, मोक्ष इन चारों का मूल आधार समाज है, मानव जीवन की सफलता धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष प्राप्त करने में निहित है किन्तु सबका आधारशील है, मनुष्य का स्वास्थ्य।3
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कु. क्रेसेन्सिया बखला. स्वास्थ्य समस्याओं की चुनौतियों जूझता आदिम समाज. Research J. Humanities and Social Sciences. 5(2): April-June, 2014, 247-250
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कु. क्रेसेन्सिया बखला. स्वास्थ्य समस्याओं की चुनौतियों जूझता आदिम समाज. Research J. Humanities and Social Sciences. 5(2): April-June, 2014, 247-250 Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2014-5-2-20
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