Author(s): निवेदिता ए.लाल, चैतन्य नन्द

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DOI: Not Available

Address: निवेदिता ए.लाल1 एवं चैतन्य नन्द2
1शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव (छ.ग.)
2शासकीय कन्या महाविद्यालय जांजगीर (छ.ग.)
*Corresponding Author:

Published In:   Volume - 2,      Issue - 4,     Year - 2011


ABSTRACT:
भारतीय कृषि व्यवस्था में जोत के आकार से तात्पर्य उस भूखण्ड से है जो एक कृषक के स्वामित्व क्षेत्र में पड़ता है। इसके लिये आवश्यक नहीं है कि सभी भूखण्ड एक ही स्थान पर हों। उत्तराधिकार संबंधी कानूनों तथा जनसंख्या वृध्दि के कारण जोत का आकार एवं भूस्वामित्व निरंतर घटता जा रहा है। किसी भी क्षेत्र के, कृषक विकास में, जोत के आकार की अहम भूमिका होती है।


Cite this article:
निवेदिता ए.लाल, चैतन्य नन्द. छत्तीसगढ़ में जोत के आकार का वितरण प्रतिरूप . Research J. Humanities and Social Sciences 2011; 2(4): Oct.-Dec., 2011, 196-200.

Cite(Electronic):
निवेदिता ए.लाल, चैतन्य नन्द. छत्तीसगढ़ में जोत के आकार का वितरण प्रतिरूप . Research J. Humanities and Social Sciences 2011; 2(4): Oct.-Dec., 2011, 196-200.   Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2011-2-4-10


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RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


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