ABSTRACT:
भारतीय कृषि व्यवस्था में जोत के आकार से तात्पर्य उस भूखण्ड से है जो एक कृषक के स्वामित्व क्षेत्र में पड़ता है। इसके लिये आवश्यक नहीं है कि सभी भूखण्ड एक ही स्थान पर हों। उत्तराधिकार संबंधी कानूनों तथा जनसंख्या वृध्दि के कारण जोत का आकार एवं भूस्वामित्व निरंतर घटता जा रहा है। किसी भी क्षेत्र के, कृषक विकास में, जोत के आकार की अहम भूमिका होती है।
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निवेदिता ए.लाल, चैतन्य नन्द. छत्तीसगढ़ में जोत के आकार का वितरण प्रतिरूप . Research J. Humanities and Social Sciences 2011; 2(4): Oct.-Dec., 2011, 196-200.
Cite(Electronic):
निवेदिता ए.लाल, चैतन्य नन्द. छत्तीसगढ़ में जोत के आकार का वितरण प्रतिरूप . Research J. Humanities and Social Sciences 2011; 2(4): Oct.-Dec., 2011, 196-200. Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2011-2-4-10