Author(s):
अनुसुइया बघेल
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डा (श्रीमती) अनुसुइया बघेल
भूगोल अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ ।
Corresponding Author:
Published In:
Volume - 1,
Issue - 1,
Year - 2010
ABSTRACT:
प्रथम अध्ययन भारतीय जनगणना 2001: छत्तीसगढ़ पर आधारित है। छत्तीसगढ़ में बेघर परिवारों में से तीन - चैथाई परिवार ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। किन्तु बेघर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में अधिक है। इसी तरह बेघर जनसंख्या में स्त्रियों से पुरूषों की संख्या अधिक है। छत्तीसगढ़ में बेघर जनसंख्या की दृष्टि से जांजगीर चांपा जिले का प्रथम स्थान है। बेघर जनसंख्या अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति में अधिक है। प्रस्तुत अध्ययन में छत्तीसगढ़ की बेघर जनसंख्या में लिंग अनुपात, साक्षरता, व्यावसायिक संरचना की विशेषताओं का विश्लेषण किया गया है। बेघर जनसंख्या में साक्षरता सामान्य जनंसख्या से आधे से भी कम है किन्तु महिलाओं में साक्षरता सामान्य जनसंख्या की महिलाओं से एक - चैथाई से भी कम है। अधिक जनसंख्या के क्षेत्रों में बेघर जनसंख्या अधिक पाया गया है। बेघर जनसंख्या में सामान्य जनसंख्या के विपरीत कृषि श्रमिकों का प्रतिशत कम और गृह उद्योग तथा अन्य सेवाओं में संलग्न लोगों का प्रतिशत अधिक है। ईसाई प्रधान जिले जशपुर में संस्थागत जनसंख्या अधिक होने के कारण बेघर जनसंख्या कम है।
Cite this article:
अनुसुइया बघेल. छत्तीसगढ़ में बेघर जनसंख्या. Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(1): Jan.-March 2010, 05-08.
Cite(Electronic):
अनुसुइया बघेल. छत्तीसगढ़ में बेघर जनसंख्या. Research J. of Humanities and Social Sciences. 1(1): Jan.-March 2010, 05-08. Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2010-1-1-2