Author(s): अर्चना श्रीवास्तव, आभा तिवारी

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DOI: Not Available

Address: अर्चना श्रीवास्तव1 एवं आभा तिवारी2
1सहायक प्राध्यापक, हिन्दी, पं. हरिशंकर शुक्ल स्मृति महाविद्यालय, रायपुर
2प्राध्यापक, हिन्दी, शा.दू.ब.म.स्ना. महाविद्यालय, रायपुर
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 2,      Issue - 1,     Year - 2011


ABSTRACT:
मूल्य’ एक धारणा है जिसका सम्बन्ध मानव से है। भौतिक जगत में मूल्य का सम्बन्ध उपयोगिता से है जबकि वैचारिक जगत में मूल्य मनुष्य के अपनत्व से सम्बन्धित है। मानवीय संवेदना के अभाव में मूल्य की कल्पना नहीं कर सकते और इसी आधार पर हम कह सकते हैं कि मूल्य बोध का अनिवार्य आधार व्यक्ति प्रतीत होता है अर्थात् जो वस्तु व्यक्ति के मन को परितोष प्रसाद आपूर्ति, प्रेरणा अथवा सार्थकता की अनुभूति जागृत करने में सहायक होती है, वह मूल्यवान प्रतीत होने लगती है। इस प्रकार ”मूल्य वह वैचारिक इकाई है, जिसे आधार बनाकर व्यक्ति अपना जीवन जीता है और उसे आत्मोपलब्धि होती है।“1


Cite this article:
अर्चना श्रीवास्तव , आभा तिवारी. प्रो. भागवत प्रसाद मिश्र ‘नियाज़’ के काव्य में निहित मूल्य. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(1): Jan.-Mar. 2011, 09-12.

Cite(Electronic):
अर्चना श्रीवास्तव , आभा तिवारी. प्रो. भागवत प्रसाद मिश्र ‘नियाज़’ के काव्य में निहित मूल्य. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(1): Jan.-Mar. 2011, 09-12.   Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2011-2-1-3


संदर्भ ग्रंथ सूची
1. सहगल शशि, नई कविता में मूल्य, प्रथम संस्करण, पृष्ठ 16
2.  सिद्धनाथ, शब्दार्थ विवेचना, साहित्य संदेश, पृष्ठ 13
3. भारती धर्मवीर, ‘लहर’, सितम्बर 1960, पृष्ठ 60
4. डाॅ. रघुवंश, लहर, सितम्बर 1960, पृष्ठ 46
5. मिश्र भागवत प्रसाद, कस्मै देवाय खण्डकाव्य, पृष्ठ 51, 32, 79, 3, 7
6. मिश्र भागवत प्रसाद, अजस्त्रा काव्य संग्रह, पृष्ठ 70, 23, 104, 9
7. मिश्र भागवत प्रसाद, जननी जन्मभूमिश्च काव्य संग्रह, पृष्ठ 18, 122
8. दिनकर रामधारी सिंह, संस्कृति के चार अध्याय, पृष्ठ 656
9. डाॅ. देवराज, संस्कृति का दार्शनिक विवेचन
10. मिश्र भागवत प्रसाद, तरंगिणी काव्य संगह, पृष्ठ 30, 82, 110
11. साहित्य परिजात (साहित्यिक सांस्कृतिक त्रैमासिक), अप्रैल-जून 2002, संपादक-डाॅ. सुन्दरलाल कथूरिया, बी-3/74, जनकपुरी, नई दिल्ली-110058 से प्रकाशित

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RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


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