Author(s): सी.पी.नन्द

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Address: सी.पी.नन्द
सहायक प्राध्यापक (भूगोल) शास. नवीन कन्या महाविद्यालय, जांजगीर (छ.ग.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 4,      Issue - 2,     Year - 2013


ABSTRACT:
क्रियाशील जनसंख्या से किसी राष्ट्र् का सामाजिक एवं आर्थिक स्तर स्पष्ट होता है। समाज में क्रियाशील जनसंख्या की अधिकता आर्थिक सम्पनता एवं उच्च सामाजिक स्तर को स्पष्ट करता है जबकि न्यूनतम क्रियाशील जनसंख्या का पाया जाना आर्थिक पिछड़ेपन का द्योतक है। जनसंख्या का आर्थिक दृष्टि से क्रियाशील होना ही पर्याप्त नहीं होता अपितु क्रियाशील जनसंख्या की कार्यकुशलता,कार्य का समय और अवधि को भी देखा जाता है। वास्तव में क्रियाशील जनसंख्या की प्रकृति और देश के आर्थिक विकास के मध्य सीधा संबंध होता है।


Cite this article:
सी.पी.नन्द. जांजगीर-चाम्पा जिले में क्रियाषील जनसंख्या की विशेषताऐं एवं स्थानिक प्रतिरूप. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(2): April-June, 2013, 148-150.

Cite(Electronic):
सी.पी.नन्द. जांजगीर-चाम्पा जिले में क्रियाषील जनसंख्या की विशेषताऐं एवं स्थानिक प्रतिरूप. Research J. Humanities and Social Sciences. 4(2): April-June, 2013, 148-150.   Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2013-4-2-6


संदर्भ ग्रन्थ सूचीः-
1.     जिला सांख्यिकी कार्यालय, जिला- जांजगीर- चाम्पा (छ.ग.)।
2.     पूर्वाचंल भूगोल पत्रिका, जन.2002 पृष्ठ क्रं. 17 से 22 ।
3.     उत्तर भारत भूगोल पत्रिका जून- दिस. 1999 पृष्ठ क्रं. 21से 30।
4.     रायगढ़ जिले में जनसंख्या की बदलती व्यावसायिक संरचना अप्रकाशित शोध प्रबंध डाॅं. सी.पी.नन्द ।
5.     छत्तीसगढ़ में पहाड़ी कोरवा जनजाति की बदलती व्यावसायिक स्थिति का अध्ययन, जशपुर जिले के विशेष संदर्भ में

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RNI: Not Available                     
DOI: 10.5958/2321-5828 


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