ABSTRACT:
सामाजिक चेतना शब्द का संबंध मनोविज्ञान से है। मनोविज्ञान के अनुसार चेतन मानस की प्रमुख विषेषता चेतना है, अर्थात् वस्तुओं, विषयों तथा व्यवहारों का ज्ञान। चेतना की परिभाषा देना कठिन है, पर इसका वर्णन किया जा सकता है। चेतना की प्रमुख विषेषताओं में निरंतर परिवर्तनश्शीलता अथवा प्रवाह है। इस प्रवाह के साथ-साथ विभिन्न अवस्थाओं में एक अविच्छिन्न एकता और साहचर्य भी है।
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उर्मिला शुक्ला, सूरज कुमार देवांगन. विभु कुमार जी की कहानियों में सामाजिक चेतना. Research J. Humanities and Social Sciences. 5(2): April-June, 2014, 244-246
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उर्मिला शुक्ला, सूरज कुमार देवांगन. विभु कुमार जी की कहानियों में सामाजिक चेतना. Research J. Humanities and Social Sciences. 5(2): April-June, 2014, 244-246 Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2014-5-2-19
संदर्भ ग्रंथ सूची-
1- जैन, विनोद- स्वातंत्रयोत्तर हिन्दी महिला नाटककारों के नाटकों में सामाजिक चेतना’, नई दिल्लीः के.के.पब्लिकेषन्स, प्रथम संस्करण 2007,09
2- शुक्ल, विनोदषंकर- विभु कुमार चयनिका’, रायपुर, गं्रथ अकादमी प्रथम संस्करण 2007,09