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ए.के. पाण्डेय, बी.एल. सोनेकर
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ए.के. पाण्डेय 1 एवं बी.एल. सोनेकर 2’
1आचार्य, अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं.र.शु.वि. रायपुर।
2व्याख्याता, अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं.र.शु.वि. रायपुर।
*Corresponding Author:
Published In:
Volume - 2,
Issue - 4,
Year - 2011
ABSTRACT:
विद्युतीकरण देश का एक अभिन्न अंग बन गये हैं चाहे वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए हो या ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए। इनका महत्व दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। चुँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ सिंचाई के साधन उपलब्ध होने पर सिंचित भूमि के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए विद्युतीकरण के द्वारा ट्यूबवेल की सहायता से सिंचित भूमि का क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है और कृषि उत्पादन में क्रांति लायी जा रही है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी एवं निर्धनता को दूर करने के लिए विद्युतीकरण द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
Cite this article:
ए.के. पाण्डेय, बी.एल. सोनेकर . मध्यप्रदेश में ग्रामीण विद्युतीकरण - लक्ष्य एवं उपलब्धियाँ. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(4): Oct. - Dec., 2011, 172-173.
Cite(Electronic):
ए.के. पाण्डेय, बी.एल. सोनेकर . मध्यप्रदेश में ग्रामीण विद्युतीकरण - लक्ष्य एवं उपलब्धियाँ. Research J. Humanities and Social Sciences. 2(4): Oct. - Dec., 2011, 172-173. Available on: https://www.rjhssonline.com/AbstractView.aspx?PID=2011-2-4-3
संदर्भ
1 मध्यप्रदेश में ग्रामीण विद्युतीकरण रिकार्ड एवं उपलब्धियाँ, कुरूक्षेत्र, मई 1995, पृ.सं. 42
2 मध्यप्रदेश विद्युत मंडल, कोरबा, चतुर्वेदी, 1990
3 मध्यप्रदेश में ग्रामीण विद्युतीकरण, गुप्ता, नीलम एवं ए.के. पाण्डेय, कुरूक्षेत्र, मार्च 1991
4 मध्यप्रदेश का आर्थिक विकास, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी, भोपाल, श्रीवास्तव ओ.एस. 1987